Saturday, April 24, 2010

Attack on Heart of Mumbai

नसों से टपकी , लहू की हर एक बूंद हिसाब मांगती है ,
हलक से निकली , हर एक चीख जवाब मांगती है ,
वो समझते है हुकूमते -ऐ-सब्र को लाचारी का सबब ,
जो झूठ होकर भी हमे सुच का शुबा देती है

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