तू खुद को नाकारा न समझ ऐ कूड़ेदान, तू भी इस आशियाँ को खूबसूरती का शुबा देता है
तू खुद बदनामियो से उलझकर उसके दामन को पाक ऐ साफ़ का दर्ज़ा देता है.
यु तो बदनीयती न होती तो तेरी इमानदारी का क्या मोल होता,
जो जिंदगी की शमाए हो हर तरफ तो मौत का परवाना ही न होता.